वेट सिस्टम मे लगाई सोयाबीन के एक पौधे मे लगी 250 से 300 फलिया
महाराष्ट की बीएस228 वेरायटी का 16 से 20 क्विंटल तक होता है उत्पादन
एक एकड़ में 10 किलो बोई जाने वाली इस सोयाबीन को आलमपुर के किसान डाॅ. शिवनारायण चाचरे ने पहली बार एक एकड़ में लगाई।
राजीव साबू।
एक ओर जहां कई किसान खरीफ में सबसे अधिक बोई जाने वाली सोयाबीन से परेषान नजर आ रहे है जिस कारण वह मूंग एवं धान को अधिक महत्व देने में लगे है।लेकिन इन विपरीत परिस्थितियो मे भी आलमपुर के किसान डाॅ.षिवनारायण चाचरे ने इस बार महाराष्ट के परवनी जिले में सबसे अधिक बोई जाने वाली बीएस228 वेरायटी को अपने एक एकड़ खेत मे वेट सिस्टम से लगाई है।जिसे वह 15 हजार रूपऐ क्विंटल के हिसाब से लेकर आये है।यह वेरायटी 110 दिनों मे पक कर तैयार हो जाती है।श्री चाचरे ने इसे 20 जून को लगाकर मोटर से पानी दिया था जिसमें आज पूर्ण रूप दाने बैठ गये है और हर एक पौधे में 250 से 300 फलिया लगी है।तना इतना मोटा हो गया है कि इसे दराती से काटा तक नही जा सकता है।चाचरे ने बताया कि इस सिस्टम से लगाने पर खेतो मे लगे पौधो को जितने पानी की आवष्यकता होती है उतना ही वह ग्रहण करते है और ओवर पानी नाली के माध्यम से खेत से वाहर हो जाता है।यह बीज एक एकड़ मे 10 किलो ही लगता हैं।जिसमें बिमारिया भी कम लगती है।
क्या है वेट सिस्टम -इस सिस्टम मे हर 6 फीट की दूरी पर एक पतली सी नाली निकाली जाती है जिससे खेतो मे अधिक पानी होने पर नाली के माध्यम से खेत से बाहर निकल जाता है और खेतो मे पानी भरा नही रहता जिससे पौधो के तनो मे सड़न और गलने जैसी बिमारिया भी नही लगती है। बोबनी के समय भी इसे इस प्रकार से बोया जाता है कि हर एक पौधे की दूरी कम से कम 6 इंच हो जिस कारण बोया जाने वाला बीज भी कम लगता है और पौधा भी स्वस्थ रहता है जिससे इसकी पैदाबार चार गुनी बढ़ जाती है।
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