Tuesday, 29 March 2016

पालीहाउस की खेती से किसान मालमाल

पालीहाउस की खेती से किसान मालमाल

अभी तक 8 लाख रूपये आई बचत 

किसान हाईटेक खेती की ओर बढ़ रहा है युवा और पड़े लिखे जागरूक किसान नई तकनीक के साथ खेती के व्यापार में अपना भाग्य अजमा रहे है और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है। करीबी ग्राम सौताड़ा के युवा किसान सुशील व अतुल बारंगे ने अपने खेत पर 25-25 डिसमिल के उद्यानिकी विभाग से दो पालीहाउस बनवाये और खेती शुरू की जिससे अच्छा मुनाफा कमाया। अभी तक पालीहाउस से चैथी बार फसल बाजार में बिक रही है। तीन बार इंटेलियन ककड़ी  व एक बार धनिया और पालक का उत्पादन ले चुके है। फसलो की पैदावार के लिये हाईब्रिट लगाते है जिसका बोआई  के 35 दिन बाद उत्पादन शुरू हो जाता है। पालीहाउस के निर्माण में करीब 19 लाख रूपये की लागत आई है। फिलहाल एक में टमाटर व दूसरे में ककड़ी फिर से लगाई है। दोनो भाई युवा किसान सुशील व अतुल का कहना है कि सब्जी की खेती वास्तव में लाभ का सौदा है। समय और मेहनत जरूर है लेकिन बाजार की उपलब्धता हो तो सब्जी की खेती से मालमाल हो सकते है।

इस प्रकार बनाये पालीहाउस 

ककड़ी 2.50 से 3 क्विटल निकलती है रोज

ककड़ी का उत्पादन अच्छा होता है रोजाना 2.5 से 3 क्विटल निकलती है वही 3 महिने मे पूरे पालीहाउस से 9 से 10 टन का उत्पादन होता है इसी प्रकार टमाटर भी 10-12 टन की पैदावार देते है। रोज भी 4-5 केरेड निकलता है क्योकि टमाटर की फसल 8 माह का समय भी लेती है।
 पालीहाउस में लगी ककड़ी 

कर रहे जैविक का प्रयोग

पालीहाउस से अच्छे उत्पादन के लिये जैविक आधारित की जा रही है जैविक खाद बीज व दबाईयों का उपयोग किया जा रहा है जिसमें नीम का तेल और गौमूत्र का छिड़काव भी किया जाता है।

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